सभी को सामिल करने
हेतु इस वार 31 मार्च को निकाली जाएगी शोभा यात्रा
नई दिल्ली। मार्च 27, 2012। दिल्ली
में जहां लोग अभी विक्रमी सम्वत् के पहले दिन - चैत्र शुक्ल
प्रतिपदा से प्रारम्भ हुए शारदीय नव रात्रों में मां भगवती की आराधना में लगे हैं
वहीं इन दिनों भगवान राम
के प्रकटोत्सव - रामनवमी की एक विशाल शोभा यात्रा की तैयारियां भी जोरों पर हैं। हिन्दू
पर्व समन्वय समिति के महा मंत्री श्री बृज मोहन सेठी ने बताया कि यूं तो हर वर्ष ही
पूरी दिल्ली में राम नवमी की शोभायात्राओं की बड़ी धूम रहती है किन्तु इस वर्ष इसे
बहुत बडे स्तर पर मनाए जाने की तैयारियां चल रही हैं। समिति द्वारा दिल्ली
के राम लीला मैदान से गंगेश्वर धाम, करौल बाग तक निकाली जाने वाली इस विशाल शोभा यात्रा
में राजधानी के हर मत पंथ, संप्रदाय के लोगों तथा धार्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक
संस्थानों की भागीदारी होगी।
समिति के प्रवक्ता
श्री विनोद बंसल ने बताया कि इस बार रामलीला मैदान से निकाली जाने वाली शोभा
यात्रा में विविध राज्यों की संस्कृति की झलक होगी। इस में विभिन्न विद्यालयों के
बच्चे भी भाग लेंगे तथा दिल्ली के बडे से बडे संतों की टोली
भी साथ होगी जिनका मार्ग दर्शन पूरी यात्रा में मिलता रहेगा। गऊ रक्षा के लिए बनाई
जा रही झांकी तथा राज्य के हर हिस्सों से आ रही कीर्तन मण्डलियां तथा झांकियां इस
बार कुछ खास मनमोहनी होंगीं।
श्री बंसल ने बताया
कि एक अप्रेल को बाजारों की छुट्टी तथा मन्दिरों के अपने स्थानीय कार्यक्रम
होने के कारण इस बार हम इस यात्रा को 31 मार्च को आयोजित
कर रहे हैं जिससे हर राजधानी वासी इस में भाग ले सके। दोपहर 3 बजे रामलीला
मैदान में दिल्ली की महापौर श्रीमती रजनी अब्बी कार्यक्रम की मुख्य अतिथि होंगी
तथा समिति के श्री रजनीश गोयनका की अध्यक्षता में राजधानी के अनेक पूज्य संत एवं विशिष्ठ
अतिथि शोभायात्रा का शुभारम्भ करेंगे। यह शोभायात्रा रामलीला मैदान से आसफअली रोड़, दिल्ली गेट, लालकिला, खारी बावली, सदर बाजार, पहाड़ी धीरज, बाड़ा हिन्दू राव, फिल्मिस्तान, पृथ्वीनाथ मार्ग, श्री राम वाटिका (अजमल
खां पार्क) होते हुए गंगेश्वर धाम पर समाप्त होगी।
श्री बंसल ने आगे बताया कि यात्रा मार्ग में इस बार सौ से भी
अधिक तोरण द्वार बनायें जायेंगे जो हिन्दू समाज के प्रमुख संतो, महात्माओं एवं महापुरूषों
के नाम पर होंगें। इसके अलावा शोभायात्रा में विभिन्न मतपंथ, सम्प्रदायों की सहभागिता
से अनेकता में एकता के दर्शन भी होंगें।
धन्यवाद
भवदीय
विनोद बंसल
No comments:
Post a Comment