बिहार बाढ़ विभीषिका समाधान समिति
द्वारा: समुदाय भवन, ग्राम- बगरस, वाया- बखरी बाजार, जिला- बेगुसराय, पिन- 848201 (बिहार)
सम्पर्क - 8757819281, 9097235610
साथियो,
समिति की ओर से अभिवादन।
समिति
पिछले तीन सालों से बाढ़ की समस्याओं से जुड़े अलग-अलग पहलुओं को लोगों
एंव सरकार के बीच लाता रहा है। बिहार में बाढ़ की समस्या काफी पुरानी है
लेकिन तटबंध के बनने से पहले के बाढ़ जिस में नदियों का पानी तट पर फैल
जाता था और आज के बाढ़ जिस में तटबंध टूट कर तबाही आती है, दोनों में बहुत
फर्क है। तटबंध टूट कर तबाही वाले बड़े बाढ़ वर्ष 1984, 1987, 2002, 2004,
2007, एंव 2008 में आए जिससे पूरा बिहार अवगत है।
तटबंध टूट कर बाढ़ का आना एवं रिलीफ व पुनर्वास के नाम
पर अफसरों एवं बाजारू नेताओं की लूट खसोट से बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों
का हौसला टूटा है एवं लोग मजबूर हो कर पलायन किये हैं। तटबंध मरम्मत पर हो
रहे खर्च का कच्चा चिट्ठा भी बार-बार खुलता रहा है। यह अलग बात है कि
बिहार विकास का नारा बिहार के बाहर दिल्ली, मुम्बई और अहमदाबाद जैसे शहरों
में भी अब गंूज रहा है। बिहार से पलायन कर चुके वह लोग जो दूसरे शहरों में
अपनी आर्थिक स्थिति बेहतर कर चुके हैं लेकिन सांस्कृतिक रूप से खुद को
बिहार से जोड़े हुए हैं उन्हें यह बताने की कोशिश की जा रही है कि बिहार का
विकास हो रहा है। जब कि 2004 एंव 2008 में आये विनाशकारी बाढ़ में तवाह
हुये लोगों का अभी तक पुनर्वास भी नहीं हो पाया है।
दुनियां में मौसम की मार जोरों पर है एवं इसमें और भी
परिवर्तन के आसार हैं। बाढ़ का खतरा लगातार मंडराता रहा है और आगे भी
मंडराता रहेगा, इसके लिए जरूरी है कि बाढ़ के अलग अलग पहलुओं पर विचार करते
हुए सही दृष्टीकोण के साथ काम करने की जरुरत है। इन सभी बिन्दुओं को ध्यान
में रखते हुए बिहार बाढ़ विभीषिका समाधान समिति एक अधिवेशन आयोजित करने जा
रहा है। यह अधिवेशन 9-10 जून 2012 को बेगूसराय जिले में आयोजित होगा जिसकी
विस्तृत जानकारी नीचे है।
अधिवेशन 2012
स्थान
- प्राथमिक विद्यालय बगरस, बेगुसराय।
9 -10 जून 2012
9 जून 2012: -
1200 पंजीकरण
1300 स्वागत
1330 प्रदर्शनी उदघाटन
1400 अधिवेशन उदघाटन
1430 3 साल के कामों पर रिपोर्ट प्रस्तुति
1500 सत्र - 1ः तटबंध से पहले के बाढ़ का इतिहास एंव जूंझने की परम्परा,
(वरिष्ठ नागरिकों की ज़ुबानी)
1700 चाय
1730 सत्र - 2: बाढ़, सामाजिक विकास का बाधक
1900 भोजन
2000 फसल गीत एंव बाढ़ के मुद्दे पर डोक्युमेंटरी फिल्म शो
10 जून 2012: -
0530 तटबंध निरिक्षण
0630 नदी स्नान एंव नौका गीत
0700 पहले दिन की रिपोर्टिंग
0715 सत्र - 3: के0पी0पी0 (खगडि़या प्रोटेक्शन प्रोजेक्ट)
के सकारात्मक एंव नकारात्मक पहलू
0915 नाश्ता
0100 सत्र - 4: बदहाली के कारण पलायन: विकल्प
1130 आगामी पहल पर चर्चा एंव निष्कर्ष
1300 कमेटी गठन
1330 धन्यवाद ज्ञापन एंव भोजन
1430 प्रेस कांफ्रेन्स
आप
से अनुरोध है कि इस अधिवेशन में भाग लेकर अपने अनुभवों को बांटते हुए बाढ़
के विभिन्न पहलुओं पर चल रहे बहस एवं संघर्ष को आगे बढ़ाने में एक दूसरे
के सहयोगी बनें।
धन्यवाद
संतोष कुमार
संयोजन समिति
अधिवेशन स्थान तक पहुंचने का रास्ता:
1 - खगडि़या से बखरी जाने वाली सड़क पर बस द्वारा 22 कि0 मी0 की दूरी तय कर बगरस गांव पहुंचा जा सकता है।
2 - खगडि़या से पैसेंजर रेल द्वारा सलौना स्टेशन आकर तांगे या रिक्शे से 3 कि0 मी0 की दूरी तय कर बगरस गांव पहुंचा जा सकता है।
3 - बेगुसराय से बस द्वारा मंझौल एवं बखरी के रास्ते 33 कि0 मी0 की दूरी तय कर बगरस गांव पहुंचा जा सकता है।
नोट - अधिवेशन में भाग लेने वाले
साथियों के लिए हाॅल में ठहरने एंव भोजन का इंतजाम किया जा रहा है। किसी भी
प्रकार के किराये के भुगतान का प्रावधान नहीं है। अधिवेशन आयोजन के लिए
आर्थिक सहयोग की आशा करते हैं।
संयोजन समिति: संतोष
कुमार, उमेश कुमार (खगडि़या), उमराव यादव (राजगीर), सदरे आलम (दिल्ली),
विनोद मेहता (बीरपुर), भोलेश्वर प्रसाद (बेगुसराय)
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