Sunday, August 5, 2012

अन्ना ने पार्टी बनाने और राजनीति में उतरने का निर्णय किया

अन्ना ने पार्टी बनाने और राजनीति में उतरने का निर्णय किया है  एक बार फिर से संसद के माध्यम से इस संघर्ष को आगे बढ़ाया जाएगा। हजारे ने कहा कि चार बार अनशन किया लेकिन सरकार नहीं मानी , इसलिए मजबूरन राजनीतिक रास्ता अपनाना पड़ा। मंच से जनसमूह को संबोधित करते हुए सेवानिवृत्त जनरल सिंह ने कहा कि हालात 1973-1974 के माफिक बन गए हैं जब जेपी ने नारा दिया था कि सिंहासन खाली करो जनता आती है और एक बार फिर अन्ना के साथ मिलकर जनता उसी नारे को उजागर करेगी।

राजनीतिक पार्टी के गठन के फैसले को जायज ठहराते हुए हजारे ने कहा कि जब उन्होंने आंदोलन शुरू किया तो राजनीतिक दलों ने उनसे चुनकर लोकसभा में आने की चुनौती दी। उन्होंने कहा, ‘आप ही ने कहा था चुनकर आ जाओ, सो उतर रहे हैं और अब वही दल चुनौती महसूस कर रहे हैं।’ हजारे ने कहा कि अगर सरकार जनलोकपाल विधेयक, राइट टू रिकॉल विधेयक पारित कर दे तो वह राजनीतिक विकल्प पेश नहीं करेंगे।

केजरीवाल ने भी अपने भाषण में कहा कि अगर कांग्रेस अगले दो साल में इन विधेयकों को पारित कर देती हैं तो पार्टी का गठन नहीं किया जाएगा। केजरीवाल ने कहा कि उनका मकसद सत्ता में आना नहीं, बल्कि सत्ता को जन जन तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि पार्टी का नाम जनता की राय से रखा जाएगा।
नौ अगस्त से रामलीला मैदान में आंदोलन शुरू करने जा रहे बाबा रामदेव

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