Saturday, December 22, 2012

बार-बार हो रही हैं बलात्कार की घटनाएं लेकिन किसी को सजा नहीं। क्यों?
आम आदमी पार्टी का कल 2 बजे जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन
दिल्ली में एक छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार की घिनौनी घटना ने पूरे देश को व्यथित किया है. इसकी जितनी भी निंदा की जाए, कम ही होगी. लेकिन यह जघन्य घटना सोचने पर मजबूर भी करती है कि क्या ऐसी घटनाएं रोकी नहीं जा सकतीं? क्या भारत अपनी बहन-बेटियों के लिए इतनी सुरक्षा की गारंटी भी नहीं दे सकता कि वे सड़कों पर निर्भय होकर चल सकें? क्यों हो गई है राजधानी दिल्ली और दूसरे शहरों की ऐसी हालत जहां महिलाएं घर से बाहर निकलने में डरने लगी हैं?
दिल्ली में पिछले कुछ महीनों में बलात्कार की 624 घटनाएं हुईं. 2011 में बलात्कार की 584 घटनाएं हुई थीं. तीन साल पहले दिल्ली में धौलाकुंआ बलात्कार की घटना के बाद काफी हंगामा हुआ था लेकिन अब तक ट्रायल ही चल रहा है. अगर दोषियों को सजा हुई होती तो अपराधियों के मन में डर पैदा होता. लेकिन ऐसा हो नहीं रहा. इस वजह से अपराधियों का हौसला बढ़ा है.

पुलिस कह रही है कि बसों में ड्राइवरों की तस्वीरें लगा दी जाएंगी. पीसीआर वैन बढ़ा दिए जाएंगे. क्या तस्वीरें लगा देने और पुलिस की गाड़ियां बढ़ा देने जैसे सतही प्रयासों से सचमुच महिलाओं पर हो रहा अत्याचार रुक जाएगा? जिस चलती बस में छात्रा के साथ बलात्कार हुआ वह बस तीन पुलिस बैरिकेडों से होकर गुजरी थी. फिर जनता कैसे विश्वास करे कि चंद और पीसीआर वैन आ जाने के बाद किसी महिला के साथ बलात्कार नहीं होगासरकार के न तो किसी बयान से और न ही किसी प्रयास से कभी यह संदेश जाता है कि वह महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को पूरी तरह रोकने के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार ठोस प्रयास करने की जगह बस दिखावा करती है. क्या इससे जनता के मन में विश्वास पैदा होगा?

महिलाओं के साथ हिंसा, छेड़छाड़ और बलात्कार की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है. अब आम आदमी क्या करे? इस व्यवस्था से उसे कोई खास उम्मीद दिखाई नहीं देती. आम आदमी पार्टी बलात्कार की शिकार छात्रा और उसके जैसी सैकड़ों मजबूर बहनों और बेटियों को इंसाफ दिलाने के लिए सड़क पर उतरेगी. सरकार की निष्क्रियता का विरोध करने आम आदमी पार्टी शुक्रवार (21 दिसंबर,2012) को जंतर-मंतर पर दोपहर 2 बजे से प्रदर्शन करेगी.

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