दिल्ली में बिजली दरों में 5 प्रतिशत की फिर बढ़ोतरी:
शीला सरकार की आम आदमियों पर एक और मार
दिल्ली सरकार ने बिजली के दाम 5 प्रतिशत फिर बढ़ा दिए हैं. इससे पहले से ही महंगाई से दुखी आम आदमी पर और बोझ बढ़ गया है. हाल ही में दिल्ली में 10 लाख लोगों ने शीला दीक्षित को चिट्ठी लिखकर विरोध जताया था लेकिन आश्चर्य की बात है कि मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता दिल्ली के लोगों के प्रति नहीं बल्कि बिजली कंपनी के मुनाफ़े के लिए सामने आई. सरकार का यह तर्क अब किसी को गले नहीं उतरने वाला कि बिजली के दाम बढ़ाने का फैसला लेने वाली संस्थाDERC उसके नियंत्रण में नहीं है. क्योंकि एक तरफ जब DERC बिजली के दाम 23 प्रतिशत कम करने की बात करता है तो दिल्ली की मुख्यमंत्री तुरंत हस्तक्षेप करती हैं और DERC को बिजली के दाम घटाने से रोक देती हैं. लेकिन जब DERC बिजली के दाम बढ़ाता है तो मुख्यमंत्री चूं तक नही बोलती हैं. हैरानी की बात है कि मुख्यमंत्री को बिजली के महंगे बिलों से बेहाल दिल्ली के लाखों लोगों की आवाज़ सुनाई नहीं देती.
ज़ाहिर है कि यह सब भ्रष्टाचार की वजह से हो रहा है. बिजली कंपनी के मुनाफ़े से आम आदमी की जेब भले ही कटे लेकिन आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के खर्चें इन्ही कंपनियों से तो आएंगे.
आम आदमी पार्टी दिल्लीवासियों को सस्ती बिजली देने के अपने वादे पर प्रतिबद्ध है और नवम्बर विधानसभा चुनावों के बाद जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी तो बिजली के दाम आधे कर दिए जाएंगे और भ्रष्टाचार में लिप्त इन कंपनियों की ऑडिट जांच करवाई जाएगी. जो कंपनी ऑडिट करवाने से मना करेगी उनका लायसेंस रद्द कर दिया जाएगा.
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